वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:-
लखनऊ- सरकार ने अब सियार, लोमड़ी व मधुमक्खियों के हमले को भी राज्य आपदा की श्रेणी में शामिल करने की तैयारी शुरू कर दी है। राहत आयुक्त कार्यालय की तरफ से इस संदर्भ में शासन को भेजे गए प्रस्ताव को मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह कि अध्यक्षता में हुई राज्य कार्यकारिणी समिति ने स्वीकृति दे दी है।
जल्द ही राज्य आपदा की श्रेणी में सियार, लोमड़ी व मधुमक्खियों के हमले को अधिसूचित कर दिया जाएगा। इन हमलों में किसी नागरिक की मृत्यु होने पर पीड़ित परिवार को चार लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा और घायल होने पर सरकारी अस्पताल में निशुल्क उपचार कराया जाएगा।
पिछले वर्ष बहराइच सहित प्रदेश के कई जिलों में भेड़ियों के हमले में एक महिला सहित आठ बच्चों की मृत्यु हो गई थी और 45 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। पिछले रविवार को देवगढ़ में निरीक्षण करने गए अधिकारियों पर मधुमक्खियों ने हमला कर दिया था।
इस हमले में सीडीओ कमलाकांत पांडेय सहित नौ अधिकारी घायल हो गए थे। वहीं पिछले वर्ष पीलीभीत में सियारों के एक झुंड के हमले में सात बच्चों सहित 12 लोग घायल हुए थे। इसी प्रकार सुलतानपुर, अंबेडकरनगर, मीरजापुर,सीतापुर, बाराबंकी में सियार के हमले में कई लोग घायल हुए थे।
इसके बाद शासन के निर्देश पर राहत आयुक्त कार्यालय ने सियार, लोमड़ी व मधुमक्खियों के हमले को राज्य आपदा की श्रेणी में शामिल करने का प्रस्ताव शासन को भेजा था।
राज्य आपदा की श्रेणी-
वर्तमान में बेमौसम वर्षा (अतिवृष्टि), आकाशीय बिजली, आंधी-तूफान, लू प्रकोप, नाव दुर्घटना, सर्पदंश, सीवर सफाई व गैस रिसाव, बोरवेल में गिरना, मानव वन्य जीव द्वन्द, पानी (कुंआ, नदी, झील, तालाब, पोखर, नगर, नाला, गड्ढा, जलप्रपात) में डूबकर मृत्यु, सांड व नीलगाय के हमले को आपदा की श्रेणी में रखा गया है।
अब इस श्रेणी में सियार, लोमड़ी व मधुमक्खियों के हमले को भी शामिल किया जाएगा। इसके अलावा भारत सरकार ने भी 11 आपदाओं को अधिसूचित किया है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पुष्टि होना जरूरी-
मुआवजे के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट में संबंधित आपदा से मृत्यु होने की पुष्टि होना जरूरी है। इसी रिपोर्ट के आधार पर पीड़ित परिवार की तरफ से 1070 नंबर संपर्क करके मुआवजे के लिए सूचना देनी होगी।
इसके अलावा संबंधित जिलाधिकारी कार्यालय या संबंधित एडीएम को सूचना देनी होती है। इसके बाद संबंधित तहसील से रिपोर्ट लेकर 24 से 72 घंटे में मुआवजे की राशि जारी किए जाने का प्रविधान है।